सर्वकला सम्पूर्ण योगेश्वर श्री रामलाल प्रभु पंजाब प्रांत के अमृतसर नगर कूचा भाई संतसिंह में संवत् 1945 (सन् 1888 ) चैत्र शुक्ल नवमी, गुरुवार, इष्ट 6 घड़ी 56 पल वृषभ लग्न पर अवतरित हुए। इस अवतरित परम मंगलमय दिव्य ज्योति में समस्त दिव्य धर्म विराजमान हैं। इस ज्योति के प्राकट्य के संबंध में मद्रास नगर रायपेट स्थित कौमार नाड़ी ज्योतिषालय में उपलब्ध काकभुशुंडि कृत 'काकनाड़ी' संहिता में भविष्यवाणी सैकड़ों वर्ष पूर्व ही कर दी गई थी।